skip to main
|
skip to sidebar
एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)
Tuesday, March 13, 2007
लोरी अम्मा !
ओ री अम्मा, ओ री अम्मा,
देखूँ सूरत तोरी अम्मा ।
नींद नहीं आती है मुझको,
सुना जरा तू लोरी अम्मा ।
ओ री अम्मा, ओ री अम्मा ।।
0000000000
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
▼
2007
(25)
▼
March
(25)
मां सरस्वती
मत समझो बच्ची
घड़ा
मीठा रगड़म
चिड़िया
मैना-मिट्ठू
हाथी दादा
चल बस्ते
लोरी अम्मा !
नानी जी
छतरी : दो शिशु गीत
जंगल में दीवाली
हम बच्चे
अच्छी-अच्छी बातें सुन
पानी गिरता
बादलजी देते हैं पानी
वर्षा-रानी
स्कूल
पेड़
नाम कमाऊँगी
होता नाम
कोयल मीठा गाती है
गरमी जी
पिंजरे का पक्षी
एक हमारा देश
No comments:
Post a Comment