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एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)
Tuesday, March 13, 2007
पिंजरे का पक्षी
मैं पिंजरे का इक पक्षी हूँ,
मुझको तुम आजाद कराओ ।
मुझको भी उड़ने का हक है,
ये बातें सबको समझाओ ।
जिसने कैद किया है उसको,
आजादी का गीत सुनाओ ।
मैं पिंजरे का इक पक्षी हूँ।
मुझको तुम आजाद कराओ ।
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पिंजरे का पक्षी
एक हमारा देश
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