Tuesday, March 13, 2007

मत समझो बच्ची



मत समझो मुझको तुम बच्ची,
करती हूँ मैं बातें अच्छी ।

काम करूँ मैं पढ़ने का,
सोचूं आगे बढ़ने का ।
झूठ नहीं, मैं बोलूं सच्ची ।
मत समझो मुझको तुम बच्ची ।

बंद करो न मुझको घर में,
जाऊंगी मैं दुनिया भर में ।
कौन बोलता, मुझकों कच्ची ।

मत समझो मुझको तुम बच्ची,
करती हूँ मैं बातें अच्छी ।


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