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एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)
Tuesday, March 13, 2007
वर्षा-रानी
नाच रही है वर्षा रानी,
यहाँ-वहां बस पानी-पानी ।
बिजली कड़के जोर से,
डर लगता है शोर से ।
लेकिन मोर नाचता कैसे,
चलो, पूछ लें मोर से ।
या बतलायेगी फिर नानी,
नाच रही है वर्षा रानी ।।
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नानी जी
छतरी : दो शिशु गीत
जंगल में दीवाली
हम बच्चे
अच्छी-अच्छी बातें सुन
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बादलजी देते हैं पानी
वर्षा-रानी
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नाम कमाऊँगी
होता नाम
कोयल मीठा गाती है
गरमी जी
पिंजरे का पक्षी
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