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एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)
Tuesday, March 13, 2007
स्कूल
आँखों का तारा स्कूल,
अपना तो नारा स्कूल ।
ज्ञान बाँटता बच्चों को नित,
कभी नहीं हारा स्कूल ।
छुट्टी के दिन रहे अकेला,
हाँ, तब बेचारा स्कूल ।
जैसे मां को मैं प्यारा हूँ,
मुझको है प्यारा स्कूल ।
आँखों का तारा स्कूल ।
अपना तो नारा स्कूल ।
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मां सरस्वती
मत समझो बच्ची
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मीठा रगड़म
चिड़िया
मैना-मिट्ठू
हाथी दादा
चल बस्ते
लोरी अम्मा !
नानी जी
छतरी : दो शिशु गीत
जंगल में दीवाली
हम बच्चे
अच्छी-अच्छी बातें सुन
पानी गिरता
बादलजी देते हैं पानी
वर्षा-रानी
स्कूल
पेड़
नाम कमाऊँगी
होता नाम
कोयल मीठा गाती है
गरमी जी
पिंजरे का पक्षी
एक हमारा देश
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