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एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)

Tuesday, March 13, 2007

चल बस्ते










चल-चल रे बस्ते स्कूल,
राह कहीं न जाना भूल ।
अगर जरा सी देर हो गयी,
टीचरजी मारेंगे ‘रूल’ ।
चल-चल रे बस्ते स्कूल ।




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Posted by जयप्रकाश मानस at 2:50 AM

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